एक सुदृढ़ एवं मजबूत बैंकिग व्यवस्था एक मजबूत अर्थव्यवस्था का आधार है ।
अन्य क्षेत्रों की तरफ बैंकिंग को भी विशेषज्ञता को अपनाना पड़ेगा अत: हमारा प्रस्ताव है कि बैंकिग व्यवस्था को निम्न श्रेणी में बांटा जाए।
इन बैंको की भी कुछ अनन्य ब्रांच लघु उद्योगों के लिए एवं कुछ ब्रांच मध्यम श्रेणी में कारोबार के लिए रिजर्व रहे।
बड़े उद्यमों के लिए बैंक सेजमेंट वाइज होने चाहिए तथा इस प्रकार के बैंक ब्रांच रहित होने चाहिए। बल्कि यह बैंक न होकर एफ.आई की तरह होने चाहिए तथा यहां पर स्वीकृत ऋण समान्य बैंक द्वारा संचालित है। सेगमेंट खास बैंक से तात्पर्य है कि पावर सेक्टर के लिए एक बैंक, टेलीफोन सेक्टर के लिए एक बैंक, स्टील के लिए अलग एक बैंक होने चाहिए।
यदि अधिकारियों के पास सेक्टर क्षेत्र विशेष का अनुभव होगा तो लोन देने की प्रकिया दोष रहित होगी तथा उस पर निगरानी भी मजबूत होगी।