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आई.बी.पी. आयोजन

दिनांक 30 दिसम्बर 2016 को धरना स्थल जंतर मंतर पर इंडियन बिज़नेस पार्टी द्वारा एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया

आज दिनांक 30 दिसम्बर 2016 को धरना स्थल जंतर मंतर पर इंडियन बिज़नेस पार्टी द्वारा एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया | इस कार्यक्रम में इंडियन बिजनेस पार्टी के विभिन्न राज्यों से आये प्रतिनिधियों ने भारी संख्या में हिस्सा लिया |

पार्टी के संस्थापक संयोजक श्री वी के बंसल ने बताया कि हमारे देश में कारोबारी वर्ग ने सदैव सकारात्मक भूमिका निभाई है | महाराणा प्रताप के समय में भामाशाह ने अपना सब कुछ देश के नाम न्यौछावर कर दिया था | स्वतंत्रता आंदोलन में अनगिनत कारोबारी परिवारों ने तन मन धन से महात्मा गाँधी का साथ दिया था | वर्तमान समय में नोट बंदी के उपरांत कारोबार घट कर 25 % से भी कम रहा गया, तब भी कारोबारी समाज सरकार का पूरा पूरा साथ दे रहा है | आज जब नोट बंदी के 50 दिन पूरे हो रहे हैं तो इस सभा के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का ध्यान कारोबारी वर्ग की उन समस्याओं की ओर दिलाया गया जिनका निवारण नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने के बाद भी नहीं हो पाया है ! प्रधानमंत्री को संबोधित प्रार्थना-पत्र के माध्यम से उनसे यह आग्रह भी किया गया कि नोटबंदी के दौरान व्यापारियों को हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए वह ठोस उपाय करें. नकदी रहित व्यवस्था की विसंगतियों की ओर भी प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया गया . पार्टी द्वारा प्रधान मंत्री जी को निम्न सुझाव दिए गए है

  • चूँकि आने वाले समय में नकदी का प्रवाह कम होगा तथा ज्यादातर ग्राहक प्लास्टिक मनी का उपयोग करना चाहेंगे, ऐसी स्थिति में बैंकों को निर्देशित किया जाय की वह कारोबारियों को समुचित Working Capital की व्यवस्था करे |
  • POS / Card Swipe Machine बैंकों द्वारा Free of Cost दिया जाय
  • सामन्यतः बैंक Card Swipe पर 0.5% से लेकर 1.5% तक ट्रांसजेक्शन चार्जेज लेते हैं ! ट्रांसजेक्शन चार्जेज या अन्य प्रकार का कोई चार्जेज दीर्ध काल के लिए तुरंत समाप्त होना चाहिए!
  • कार्ड स्वाइप मशीन द्वारा लेन देन होने से बैंकों का काम काफी कम हो जाता है तथा कारोबारियों को बैंक में भी जाने की आवश्कता नहीं रहती, अतः बैंकों को चाहिए की कारोबारियों को कार्ड स्वाइप मशीन द्वारा किये गए भुगतान पर कुछ इंसेंटिव भी दे!
  • नोटों के बंद होने के कारण सबसे ज्यादा मार खुदरा व्यापारियों पर एवं लघु उद्योगों पर पड़ी है ! अतः हमारा सरकार से आग्रह है की चालू वित्त वर्ष में कारोबारियों को कुछ आयकर में छूट दें तथा अप्रत्यक्ष करों के भुगतान में भी कुछ छूट प्रदान करे !
  • कारोबारियों के लिए बैंको की शाखाओं में कुछ समय रिज़र्व रहे | ताकि वह भीड़ का हिस्सा न बनकर अपने समय का सुचारू रूप से प्रबंधन कर सके
  • कैशलेस् अर्थव्यवस्था मे Internet और टेली कम्युनिकेशन का बहुत महत्त्व पूर्ण स्थान है | जिस देश में लगभग 8000 गांव में बिजली भी नहीं है, ऐसे में इन गांव के दुकानदार कैसे कैशलेस अर्थव्यवस्था मे भागीदार बने | अतः केंद्रीय सरकार को Internet और टेली कम्युनिकेशन सुविधा सुचारू रूप से और कम दामों में उपलब्ध कराए |
  • Internet के माध्यम से लेन देन मे Cyber Fraud की सम्भावना बहुत ज्यादा है | यदि कारोबारी के साथ कोई साइबर फ्रॉड हो जाता है तो सरकार कारोबारी को उसकी क्षतिपुर्ति करे | साइबर क्राइम क़ी सभी शिकायत सरकार समयबद्ध रूप से निवारण करे तथा ऐसी व्यवस्था करे क़ि इस प्रकार के अपराध हो ही ना पाए |
  • E Wallet देने वाली कम्पनियों पर सरकार को पैनी नजर रखनी चाहिय तथा इनमें विदेशी निवेश को कम करना चाहये| RBI और SEBI क़ी तर्ज पर इनके लिए भी नियामक बनना चाहिय जिसका मुख्य उदेश्य ग्राहक और दुकानदार के हितों क़ी रक्षा करना होना चाहिय |
  • नोट बंदी और कैशलेस अर्थव्यवस्था के कारण बड़े बड़े स्टोर जैसे बिगबाजार, वालमार्ट इत्यादि पर तो कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा परंतु छोटा दुकानदार अपनी ग्राहकी खो बैठेगा | ऐसे में सरकार को कुछ आर्थिक सहायता सिर्फ छोटे दुकानदार को देने चाहिए जैसे सरकार किसानों को सूखे या बाढ़ क़ि स्थिति में देती है |
  • High Value ट्रांसक्शन के लिए बैंको को निःशुल्क ड्राफ्ट जारी करने के लिए निर्देशित किया जाय|
  • कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लियॆ चालू खातों (Current Account) पर ब्याज मिलना चाहिय जैसा बचत खातों पर मिलता है |
  • सभी प्रकार के E Wallet मे डाली गई राशी पर सेविंग बैंक ब्याज दर पर ब्याज देना चाहिय | इससे ग्राहक और कारोबारी E Wallet का प्रयोग हेतु प्रेरित होंगे !
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